सिहोर संप्रदाय ब्राह्मणों की विस्तृत जानकारी – गोत्र, कुलदेवी और परंपरा
परिचय
सिहोर संप्रदाय ब्राह्मण एक प्राचीन और प्रतिष्ठित समुदाय हैं, जिनका इतिहास वेदों, कुल परंपराओं और धार्मिक रीति-रिवाजों से जुड़ा हुआ है। यह ब्राह्मण समाज अपने गोत्र, प्रवर, वेद, शाखा, कुलदेवी, गणपति, भैरव और सर्म परंपराओं का पालन करते हैं। इस लेख में, हम सिहोर संप्रदाय ब्राह्मणों की विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो इस समुदाय के लोगों और शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी साबित होगी।
सिहोर संप्रदाय ब्राह्मणों की मुख्य विशेषताएँ
- सिहोर ब्राह्मण समाज विभिन्न गोत्रों में विभाजित है, जो प्राचीन ऋषियों से संबंधित हैं।
- यह ब्राह्मण यजुर्वेद, ऋग्वेद और सामवेद का अध्ययन और पालन करते हैं।
- विभिन्न कुलदेवियों की पूजा की जाती है, जैसे कि अनपूर्णा, दुर्गा, महाकाली, गauri, तपतेश्वरि आदि।
- गणपति देवता के रूप में वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, संमुख आदि की पूजा होती है।
- भैरव देवता के रूप में बटुक, भिषन, आनंद, सिहार, काल आदि की उपासना की जाती है।
- इनके सर्म (धार्मिक परंपरा) में सोम, दत्त, विष्णु, इन्द्र, मित्र, भव आदि आते हैं।
सिहोर संप्रदाय ब्राह्मणों की धार्मिक परंपराएँ
सिहोर ब्राह्मणों की धार्मिक परंपराएँ बहुत ही समृद्ध हैं। वेदों के अनुसार, ये ब्राह्मण विभिन्न कुलदेवियों और गणपतियों की पूजा करते हैं। इनकी धार्मिक पहचान उनके गोत्र और शाखा के आधार पर भी होती है।
1. गोत्र और उनकी विशेषता
सिहोर ब्राह्मण मुख्य रूप से निम्नलिखित गोत्रों में विभाजित हैं:
- भार्गव, गौतम, वशिष्ठ, कश्यप, भारद्वाज, संदीलय, पाराशर, कौशिक, मंडव्य, लुगाक्षी, गार्ग, चंद्रात्रि आदि।
2. कुलदेवी की पूजा
हर गोत्र की अपनी कुलदेवी होती है, जिनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। इनमें मुख्य कुलदेवियाँ हैं:
- अन्नपूर्णा, दुर्गा, विश्वेश्वरी, महाकाली, उमा, तपतेश्वरि, माहेश्वरी, गauri, लक्ष्मी, चामुंडा आदि।
3. गणपति और भैरव की उपासना
गणपति में मुख्य रूप से वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, संमुख की पूजा की जाती है।
भैरव देवता के रूप में आनंद, भीषण, सिहर, काल, असितांग आदि की पूजा की जाती है।
सिहोर संप्रदाय ब्राह्मणों की सूची (गोत्र, कुलदेवी और अन्य विवरण सहित)
नीचे दी गई तालिका में सिहोर ब्राह्मणों की पूरी सूची दी गई है, जिसमें उनके गोत्र, वेद, कुलदेवी, गणपति, भैरव और सर्म का विवरण शामिल है।
क्रम संख्या | उपनाम (Surname) | गोत्र (Gotra) | प्रवर (Pravar) | वेद (Ved) | शाखा (Sakha) | कुलदेवी (Kuldevi) | गणपति (Ganpati) | भैरव (Bhairav) | सर्म (Sarm) |
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1 | दवे (Dave) | भार्गव | 3 | ऋग्वेद | अस्वलायनी | अनपूर्णा | वक्रतुंड | बटुक | सोम |
2 | दवे (Dave) | भार्गव | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | अनपूर्णा | वक्रतुंड | बटुक | सोम |
3 | जानी (Jani) | गार्ग | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | अनपूर्णा | वक्रतुंड | बटुक | सोम |
4 | जोशी (Joshi) | भारद्वाज | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | अनपूर्णा | वक्रतुंड | बटुक | सोम |
5 | पंड्या (Pandya) | गौतम | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | दुर्गा, विश्वेश्वरी | विघ्नहर | सिहर | विष्णु |
6 | दवे (Dave) | उतथ्य | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | दुर्गा, विश्वेश्वरी | विघ्नहर | सिहर | विष्णु |
7 | जोशी (Joshi) | गौतम | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | दुर्गा, विश्वेश्वरी | विघ्नहर | सिहर | विष्णु |
8 | पंड्या (Pandya) | वशिष्ठ | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | महाकाली | वक्रतुंड | भीषण | भव |
9 | मेहता (Mehta) | वत्साशा | 3 | यजुर्वेद | माध्यन्दिनी | महाकाली | वक्रतुंड | भीषण | भव |
10 | व्यास (Vyas) | उपमन्यु | 3 | ऋग्वेद | अस्वलायनी | उमा | एकदंत | आनंद | दत्त |



