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Nitya Kavacham – Translation of the Powerful Sanskrit Verses and Their Significance

This article presents the translation of the sacred verses, which offer protection, prosperity, and peace. Rooted in divine energy, these verses are meant to invoke blessings, dispel fear, and guide individuals toward success and tranquility.

यह पोस्ट संस्कृत के इन दिव्य श्लोकों का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत करती है। यह श्लोक जीवन में शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाने के लिए बनाए गए हैं। इनका पाठ नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और सुख, शांति व विजय प्रदान करता है।

 

श्लोक 1: समस्त आपदाओं से मुक्ति और सुख प्राप्ति

संस्कृत:
"समस्तापद्विमुक्त्यर्थं सर्वसम्पदवाप्तये ।
भूतप्रेतपिशाचादिपीडाशान्त्यै सुखाप्तये ॥"

हिंदी अनुवाद:
सभी प्रकार की आपदाओं से मुक्ति और सभी संपत्तियों की प्राप्ति के लिए,
भूत-प्रेत और पिशाच जैसी नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति और सुख की प्राप्ति के लिए।

महत्व:
यह श्लोक नकारात्मक शक्तियों से बचाने और समृद्धि व सुख की ओर मार्गदर्शन करता है।


श्लोक 2: रोगों के नाश और विजय के लिए

संस्कृत:
"समस्तरोगनाशाय समरे विजयाय च ।
चोरसिंहद्वीपिगजगवयादिभयानके ॥"

हिंदी अनुवाद:
सभी प्रकार के रोगों के नाश और युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए,
चोरों, शेरों, हाथियों और अन्य खतरनाक स्थितियों से रक्षा के लिए।

महत्व:
यह श्लोक स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीत के लिए शक्ति प्रदान करता है।


श्लोक 3: कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा

संस्कृत:
"अरण्ये शैलगहने मार्गे दुर्भिक्षके तथा ।
सलिलादिमनः पीडास्वब्धौ पोतादिसङ्कटे ॥"

हिंदी अनुवाद:
जंगलों, पहाड़ी गुफाओं, रास्तों और अकाल में,
पानी से जुड़ी आपदाओं, मानसिक पीड़ाओं और समुद्र में जहाज की समस्याओं में सुरक्षा के लिए।

महत्व:
यह श्लोक जीवन की कठिन परिस्थितियों में रक्षा की प्रार्थना करता है।


श्लोक 4: नित्य कवच का पाठ करने के लाभ

संस्कृत:
"प्रजप्य नित्याकवचं सकृत्सर्वन्तरत्यसौ ।
सुखी जीवति निर्द्वन्द्वो निःसपत्नो जितेन्द्रियः ॥"

हिंदी अनुवाद:
यदि कोई इस कवच का नित्य पाठ करता है,
तो वह सभी कठिनाइयों को पार कर सुखी, शांत, शत्रुहीन और आत्मनियंत्रित हो जाता है।

महत्व:
यह श्लोक नियमित पाठ के मानसिक और आध्यात्मिक लाभों को दर्शाता है।


श्लोक 5: कवच के शक्ति स्रोत का वर्णन

संस्कृत:
"श‍ृणु तत् कवचं देवि वक्ष्ये तव तदात्मकम् ।
येनाहमपि युद्धेषु देवासुरजयी सदा ॥"

हिंदी अनुवाद:
हे देवी, इस कवच को सुनो जो मैं तुम्हें सुनाने जा रहा हूँ,
जिससे मैं देवताओं और असुरों के युद्धों में हमेशा विजयी हुआ।

महत्व:
यह श्लोक कवच की अजेय शक्ति का वर्णन करता है।


सभी दिशाओं से सुरक्षा के लिए (श्लोक 6-10)

  1. ललिता देवी सभी दिशाओं से रक्षा करती हैं।

  2. कामेशी, भगमालिनी, और नित्यक्लिन्ना विशेष दिशाओं की सुरक्षा करती हैं।


शरीर और मन की सुरक्षा के लिए (श्लोक 11)

संस्कृत:
"करोतु मे मङ्गलानि सर्वदा सर्वमङ्गला ।
देहेन्द्रियमनःप्राणान् ज्वालामालिनिविग्रहा ॥"

हिंदी अनुवाद:
सर्वमंगल देवी मेरे लिए हमेशा शुभ कार्य करें,
और ज्वालामालिनी मेरे शरीर, इंद्रियों, मन और प्राण की रक्षा करें।

महत्व:
यह श्लोक मानसिक शांति और शारीरिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।


नकारात्मक प्रवृत्तियों और बुराईयों से बचाव (श्लोक 12-14)

  • इच्छाओं, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से बचाने के लिए।

  • असत्य, हिंसा, और नकारात्मक विचारों से सुरक्षा।


दैवीय वाहनों पर सवार रक्षक (श्लोक 15-20)

  1. नित्याएँ हाथी, घोड़े, सिंह और रथ पर सवार होकर रक्षा करती हैं।

  2. इन दिव्य शक्तियों का आह्वान जीवन के हर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करता है।


कवच पाठ के लाभ

  1. पूर्ण सुरक्षा: शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा।

  2. विजय: सभी कार्यों और संघर्षों में सफलता।

  3. समृद्धि: धन और सुख की प्राप्ति।

  4. शांति: मानसिक और भावनात्मक शांति।


FAQs

प्र1: इस कवच का मुख्य उद्देश्य क्या है?
यह कवच सुरक्षा प्रदान करता है और जीवन को समृद्ध और सुखमय बनाता है।

प्र2: कवच का पाठ कब करना चाहिए?
सुबह और शाम को इसका पाठ करना सबसे अधिक प्रभावी है।

प्र3: क्या यह केवल कठिन परिस्थितियों में काम आता है?
नहीं, इसका नित्य पाठ करने से सुरक्षा कवच बनता है।

प्र4: कवच का पाठ कौन कर सकता है?
कोई भी श्रद्धा और भक्ति से इसका पाठ कर सकता है।

प्र5: क्या मौन रूप से कवच का पाठ किया जा सकता है?
हाँ, मानसिक पाठ भी समान रूप से प्रभावी है।


Source >> https://sanskritdocuments.org/doc_devii/nityAkavachamtantrarAja.html

Author: Admn

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